दुर्ग। पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय अंजोरा दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनू विश्वविदयालय अंजोरा दुर्ग में जिला पंचायत बीजापुर के अनुरोध ...
दुर्ग। पशु चिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय अंजोरा दाऊ वासुदेव चंद्राकर कामधेनू विश्वविदयालय अंजोरा दुर्ग में जिला पंचायत बीजापुर के अनुरोध पर राष्ट्रीय ग्रामीण अजीविका मिशन अंतर्गत बीजापुर के पशु सखी एवं किसानों के लिये तीन दिवसीय ”बकरीपालन प्रबंधन एवं उद्यमिता विकास” में प्रशिक्षण कार्यक्रम विगत 27 से 29 नवंबर 2024 तक सम्पन्न हुआ।
प्रशिक्षण में बकरी पालन संबंधी महत्वपूर्ण जानकारी जैसे छत्तीसगढ में बकरी पालन की संभावनायें, छत्तीसगढ की जलवायु के लिये उपयुक्त नस्ले, उनका आवास एवं सामान्य प्रबंधन, भोजन का प्रबंधन, बकरियों में आकस्मिक शल्य चिकित्सा एवं प्राथमिक उपचार, बकरियों में होने वाली महत्वपूर्ण बीमारियां, उनका टीकाकरण, रोकथाम, छत्तीसगढ एवं भारत सरकार दवारा बकरी पालन व्यवसाय को बढावा देने के लिये चलाई जा रही वाली महत्वपूर्ण योजनाये जैसे एन.एल.एम एवं नाबार्ड पोषित योजनाये, आवेदन प्रक्रिया, बैंक लोन की प्रक्रिया, छत्तीसगढ राज्य में बकरीपालन में संभावनायें के बारे में विभिन्न विषय विशेषज्ञों के द्धारा सारगर्भित व्याख्यान एवं प्रायोगिक प्रशिक्षण दिया गया एवं विभिन्न फार्म का भ्रमण कराया गया।
इस प्रशिक्षण में बीजापुर के बीजापुर के 38 पशु सखी एवं किसानों ने भाग लिया। प्रशिक्षण के अन्त में विश्वविद्यालय के कुलपति डा. आर.आर.बी.सिंह, पशुचिकित्सा एवं पशुपालन महाविद्यालय अंजोरा, दुर्ग के अधिष्ठाता डा.संजय शाक्य, निदेशक फार्म डा. धीरेन्द्र भोसले, केवीके के कार्यक्रम समन्वयक डा. वी.एन. खूने एवं प्रशिक्षण प्रभारी डा. रामचंद्र रामटेके ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाणपत्र वितरित कर इनके उज्वल्ल भविष्य की कामना की। इस कार्यकम का संचालन डा. रूपल पाठक एवं धन्यवाद ज्ञापन डा. शब्बीर अनंत के द्वारा किया गया।
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