रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए संचालित पीएम जनमन य...
रायपुर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा विशेष रूप से पिछड़ी जनजातियों की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने के लिए संचालित पीएम जनमन योजना (प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाभियान) के चलते छत्तीसगढ़ राज्य के अति पिछड़े जनजातीय समुदाय तकदीर और इनकी बसाहटों की तस्वीर तेजी से बदलने लगी है। विशेष पिछड़ी जनजातियों के रहवासी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का तेजी से विकास होने लगा है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पीएम जनमन योजना के सफल क्रियान्वयन से राज्य के सभी विशेष पिछड़ी जनजातीय इलाकों में बुनियादी विकास एवं निर्माण के कार्य तेजी से कराये जा रहे है। राज्य में पीएम जनमन योजना को शुरू हुए अभी एक साल का भी अरसा पूरा नहीं हुआ है, फिर भी छत्तीसगढ़ सरकार की प्रतिबद्धता के चलते इसके सार्थक परिणाम दिखाई देने लगे है।
बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत लिलौटी निवासी और पहाड़ी कोरवा परिवार की 42 वर्षीय रातियो अपने कच्चे मकान में पति व बच्चों के साथ रहती थी। उनके आय का जरिया खेती और मजदूरी है। उनके पास इतनी बचत भी नही हो पाती थी कि वह अपने परिवार के लिए पक्का आशियाना बना सके। उन्होंने कभी सोचा नहीं था कि वो कभी अपने परिवार के साथ पक्के मकान में रह पाएंगे। उनके लिये पक्का मकान एक सपने जैसा था, लेकिन हम विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय के लिए पक्का आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री जी ने पीएम जनमन योजना शुरूआत की। जिसके तहत उन्हें वर्ष 2023-24 में पक्का आवास बनाने के लिए शासन से स्वीकृति मिली। शासन से अनुदान में मिली राशि से उन्होंने अपना पक्का मकान बना लिया। रतियों आज अपने परिवार के साथ पक्के आवास में खुशहाली के साथ रह रही हैं। उन्होंने बताया कि अपने घर के निर्माण में उन्होंने स्वयं अपने पति के साथ मजदूरी किया। मनरेगा के तहत उन्हें मजदूरी भी प्राप्त हुई।
महासमुंद जिले के ग्राम मरौद निवासी बरसाती कमार मजदूरी का काम करते है। आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने से कच्चे मकान में रहने को मजबूर थे। परंतु, उनकी किस्मत तब बदली जब उन्हें प्रधानमंत्री जन-मन आवास योजना के तहत पक्का घर मिल गया। उन्होंने बताया कच्चे घर में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। खास तौर पर बारिश में उनके घर में पानी भर जाता था, जिससे घर में रखा सामान खराब हो जाता था। उन्हें हर साल मकान की मरम्मत में बहुत पैसे खर्च करने पड़ते थे। उनके लिए मजदूरी करके अपने और अपने परिवार के लिए पक्का मकान बनवाना सपना ही था। जब ग्राम पंचायत द्वारा उन्हें बताया गया कि उनका नाम प्रधानमंत्री जन-मन योजना की आवास चयन सूची में आ गया है, तो उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा। इस योजना के तहत उन्हें तीन किस्तों में धनराशि सीधे उनके बैंक खाते में भेजी गई और काम के आधार पर उन्हें कुशल मजदूरी का भुगतान भी किया गया। इससे उन्होंने अपने पक्के घर का निर्माण पूरा किया और अब वे उसी घर में रहने लगे हैं। उन्होंने बताया कि इस योजना ने उनके सपनों को साकार किया है और अब वह निश्चिंत होकर अपने घर में जीवन बिता रहे हैं।
प्रधानमंत्री जन-मन आवास योजना के तहत मिले पक्के घर के लिए रातियो कोरवा और बरसाती कमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त करते है।
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