महासमुंद। शांत्रीबाई कला वाणिज्य विज्ञान महाविद्यालय में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ व शिक्षा संकाय बीएड के संयुक्त तत्वावधान में 21 दि...
महासमुंद। शांत्रीबाई कला वाणिज्य विज्ञान महाविद्यालय में आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ व शिक्षा संकाय बीएड के संयुक्त तत्वावधान में 21 दिवसीय मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम योगा एण्ड मेडिटेशन का समापन सोमवार को किया गया।
समापन कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित छग चन्द्रनाहु शिक्षण समिति के अध्यक्ष राहुल चंद्राकर, सचिव कमलेश चंद्राकर, महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सविता चंद्राकरव, योग व मेडिटेशन प्रशिक्षक सुनिता देवांगन, प्रीति साहू, पतंजलि महिला योग समिति संरक्षक व सत्यम योग अकादमी के संचालक सत्यनारायण दुर्गा, बीएड विभागाध्यक्ष मेनका चंद्राकर ने दीप प्रज्ज्वलन कर किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राहुल चंद्राकर, कमलेश चन्द्राकर व महाविद्यालय की प्राचार्य डा. सविता चंद्राकर ने योग व मेडिटेशन प्रशिक्षकों को ससम्मान स्मृति चिन्ह भेंट किया। साथ ही मूल्य वर्धित 21 दिवसीय पाठ्यक्रम योगा एण्ड मेडिटेशन में पंजीकृत छात्र छात्राओं को प्रमाण पत्र प्रदान किया।
इस अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षण समिति के अध्यक्ष राहुल चंद्राकर ने कहा कि आज के इस गतिशील दुनिया में योगा व मेडिटेशन का अपना एक अलग महत्व है। हम योगा व मेडिटेशन के माध्यम से अपने आपको तरोताजा रख कर अपनी कार्य क्षमता को बढ़ा सकते हैं। यह हमारे लिए शारीरिक और मानिसक रूप से फायदेमंद है।
शिक्षण समिति के सचिव कमलेश चंद्राकर ने कहा कि आज योगा व मेडिटेशन विश्वविख्यात है। आज के इस युग में योग स्वास्थ्य के लिए आवश्यक हो गया है। योग के माध्यम से आज लाइलाज रोग भी ठीक हो रहे हैं। यह मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम अवश्य ही छात्रों के लिए फायदेमंद होगा।
कार्यक्रम में महाविद्यालय स्टाफ नारायण चक्रधारी, शत्रुघन पटेल, देवेंद्र चंद्राकर, आकांक्षा सिंह, गायत्री चंद्राकर, गुलाब चंद्राकर, देवानंद चंद्राकर, विष्णु चंद्राकर, घनश्याम साहू, बलराम चंद्राकर, मानिक लाल तारक, प्रमिला चंद्राकर, मानिक पटेल व महाविद्यालय के समस्त छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।
महाविद्यालय की प्राचार्य डॉ. सविता चंद्राकर ने मूल्य वर्धित पाठ्यक्रम योगा व मेडिटेशन की उपयोगिता के बारे में बताते हुए कहा कि स्वस्थ शरीर में ही स्वच्छ दिमाग का वास होता है। इसके लिए आज योगा व मेडिटेशन अनिवार्य हिस्सा बन गया है।
बीएड विभागाध्यक्ष मेनका चंद्राकर ने कहा कि शिक्षा विभाग का यह
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