रायपुर। चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि पर मंगलवार को छत्तीसगढ़ के मंदिरों में सुबह से ही माता की विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। राजधानी राय...
रायपुर। चैत्र नवरात्र की अष्टमी तिथि पर मंगलवार को छत्तीसगढ़ के मंदिरों में सुबह से ही माता की विशेष पूजा-अर्चना की जा रही है। राजधानी रायपुर के प्रसिद्ध माता मंदिरों में सुबह से ही हवन और पूजा का माहौल है। यहां श्रद्धालुओं की भीड़ माता के दर्शनों के लिए उमड़ पड़ी है। दर्शन का ये कार्यक्रम रात तक चलेगा। पुरानी बस्ती स्थित महामाया मंदिर में मत्रोच्चार के साथ हवन होगा। इसके अलावा आकाशवाणी के पास काली माता, भनपुरी के पास बंजारी माता मंदिर समेत शहर के दूसरे मंदिरों में हवन किया जाएगा।
चैत्र नवरात्र में अष्टमी से नवमी तक शहर के अलग-अलग मंदिरों में भंडारे का आयोजन किया गया है। हवन सम्पन्न होने के बाद लोगों को प्रसाद का वितरण किया जाएगा। वहीं बुधवार को रामनवमी के मौके पर शोभा यात्रा निकाली जाएगी। शहर के अलग-अलग मोहल्लों से शोभा यात्रा भी निकाली जाएगी।
नवरात्र के सातवें दिन माता के सातवें स्वरूप कालरात्रि की आराधना की गई। देवी की पूजा-अर्चना का यह क्रम सुबह से ही शुरू हो गया था। आकाशवाणी तिराहा स्थित कालीमाता मंदिर में सुबह से ही भक्तों की कतार लगनी शुरू हो गई थी। देर रात तक यहां अनुष्ठान होते रहे।
इसी तरह शहर के प्राचीन कंकाली मंदिर में माता की विशेष पूजा-अर्चना का क्रम देर रात तक जारी रहा। सप्तमी तिथि पर ही सत्ती बाजार स्थित अंबे मंदिर में माता की महाआरती का आयोजन किया गया। इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं और युवतियां हाथों में ज्योत की थाल लेकर शामिल हुईं।
नवरात्रि की अष्टमी को जया तिथि भी कहते हैं। यह बल देने और व्याधियों का नाश करने का दिन है। अष्टमी तिथि को कन्या पूजन से देवी आराधना का फल और विशेष पुण्य भी मिलता है। आज सुबह से ही लोगों ने पूजा-पाठ कर मंदिरों और घरों में कन्याओं की पूजा की। कन्याओं को तिलक लगाकर और आरती उतारने के बाद उनके पैर छूकर हर कोई आशीर्वाद ले रहा है। कई जगहों पर कन्या भोज का आयोजन किया गया है।
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