दिल्ली : किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने दावा किया है कि आंदोलन में अब तक 400 से ज्यादा किसान घायल हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ पू...
दिल्ली : किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने दावा किया है कि आंदोलन में अब तक 400 से ज्यादा किसान घायल हुए हैं. उन्होंने कहा कि हमारे खिलाफ पूरी ताकत का इस्तेमाल हो रहा है. हमने इस मुद्दे को सरकार के सामने उठाया है. हमारे सोशल मीडिया हैंडल्स बंद किए जा रहे हैं. हमें एंटी नेशनल कहा जा रहा है. हमारे 70 यूट्यूब चैनल बंद किए गए हैं. सरकार हमारी आवाज तो बंद करना चाह रही है. हम दिल्ली जाने के फैसले पर कायम हैं.
एमएसपी सहित अन्य मांगों को लेकर शुक्रवार यानी कल संयुक्त किसान मोर्चा ने किसानों और संगठनों से ‘ग्रामीण भारत बंद’ का आह्वान किया है। जिसके तहत किसान-मजदूरों से आह्वान किया गया है कि एक दिन के लिए अपना काम बंद रखें। वहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान संगठन भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत का कहना है कि किसानों की समस्याओं का समाधान होना चाहिए। 16 फरवरी को सुबह 6 से शाम 4 बजे तक किसान लॉकडाउन है, इसके बाद 17 फरवरी को पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और यूपी के प्रतिनिधियों की बैठक सिसौली में बुलाई गई है। यहीं पर भविष्य के आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा।
राकेश टिकैत ने कहा कि 16 फरवरी को किसान खेतों में कार्य न करें। भाकियू जिले में दस प्वाइंट बनाकर धरना प्रदर्शन करेगी। उन्होंने कहा कि मजदूर भी हड़ताल पर रहेंगे। मजदूरों के हड़ताल पर रहने से निर्माण संबंधी कार्यों में लोगों को व्यवधान का सामना करना पड़ सकता है।
किसानों आंदोलन से दिल्ली के बाजारों पर असर पड़ने का अंदेशा कम है। दिल्ली के व्यापारी संगठनों ने भारत बंद से खुद को अलग कर लिया है। उनका कहना है कि सभी 700 बाजार और 56 औद्योगिक क्षेत्र खुले रहेंगे। गुरुवार को चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) ने व्यापारियों और उद्यमियों से बैठक के बाद एलान किया है कि दिल्ली में भारत बंद का कोई असर नहीं होगा। दो दिनों से अलग-अलग बाजारों के संगठनों से इस विषय पर चर्चा की गई है।
किसानों के समर्थन में दिल्ली के किसान शुक्रवार को औचंदी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे। भारतीय किसान यूनियन के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष दलजीत सिंह का कहना है कि दिल्ली के किसानों ने ग्रामीण भारत बंद का समर्थन किया है और शुक्रवार को कोई काम नहीं करेगा। शुक्रवार को औचंदी बॉर्डर पर शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन करेंगे। उनका कहना है कि सरकार को किसानों की मांग मान लेनी चाहिए। किसान अपना अधिकार ही मांग रहे हैं।
किसान आंदोलन के चलते जारी अलर्ट और सड़कों के बंद होने के कारण 20 फरवरी से शुरू होने वाली सेंटर फॉर डिस्टेंस एंड ऑनलाइन एजूकेशन (दूरवर्ती शिक्षा) के पाठ्यक्रमों व अन्य कोर्सेज की परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। इस संबंध में परीक्षा शाखा द्वारा अधिसूचना जारी कर दी गई है।
भारतीय किसान यूनियन चढ़ूनी गुट भी किसान आंदोलन में कूद गया है। भले ही पंजाब सीमा पर डटे किसानों के साथ चढ़ूनी गुट से जुड़े किसान नहीं दिखाई देंगे, लेकिन उनकी मांगों के समर्थन में लगातार सड़कों पर उतरेंगे। कल शुक्रवार को प्रदेश के सभी टोल प्लाजा दोपहर 12 से शाम तीन बजे तक फ्री कराए जाएंगे तो वहीं अगले दिन शनिवार को तहसील स्तर पर ट्रैक्टर रैली निकाली जाएगी। वहीं शनिवार को प्रदेशभर में तहसील स्तर पर ट्रैक्टर मार्च भी निकाला जाएगा।
16 फरवरी को भारत बंद के आह्वान के चलते पीएसईबी ने एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा है कि परीक्षार्थी एक घंटा पहले पहुंचने की कोशिश करें, जिससे पेपर में कोई दिक्कत न आए। भारत बंद के चलते कोई भी बोर्ड का पेपर मुल्तवी नहीं किया गया।
संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की तरफ से 16 फरवरी को घोषित बंद को लेकर वीरवार को दिशानिर्देश जारी किए। मोर्चा ने देशभर के लोगों से अपील की है कि कारपोरेट लूट खत्म करने, खेती को बचाने और भारत को बचाने के लिए किसानों के ऐतिहासिक संघर्ष को सफल बनाते हुए भारत बंद को समर्थन दें।
एककेएम की तरफ से कहा गया है कि 16 फरवरी को सुबह 6 बजे से शाम 4 बजे तक गांवों में बंद रखा जाएगा। इस दौरान खेतीबाड़ी की सभी गतिविधियां, मनरेगा कार्य और ग्रामीण कामकाज बंद रहेंगे। कोई भी किसान, खेत मजदूर या ग्रामीण मजदूर काम पर नहीं जाएगा। इस अवधि में सब्जियों व अन्य फसलों की सप्लाई व खरीद भी स्थगित रहेगी। गांवों की सभी दुकानें, अनाज मंडियां, सब्जी मंडियां, सरकारी व गैर सरकारी दफ्तर, ग्रामीण औद्योगिक व सेवा क्षेत्र के संस्थान और निजी क्षेत्र के संस्थान भी बंद रखने की अपील की गई है। बंद के समय के दौरान शहरों में भी दुकानें व संस्थान बंद रहेंगे।
सड़कों पर आम पब्लिक व प्राइवेट ट्रांसपोर्ट नहीं चलेगा। केवल एंबुलेंस, मृत्यु, विवाह, मेडिकल दुकानें, अखबारों की सप्लाई, बोर्ड परीक्षाएं, हवाई अड्डों तक यात्रा की इमरजेंसी सेवाएं खुली रहेंगी। दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक विशाल चक्का जाम/रास्ता रोको में किसान मजदूर व अन्य वर्ग हिस्सा लेंगे। तहसील व जिला केंद्रों पर विशाल प्रदर्शन, रैलियां और सार्वजनिक बैठकें की जाएंगी, जिनमें किसान, मजदूर और अन्य वर्गों के लोग परिवार सहित हिस्सा लेंगे।
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