रायपुर, 14 जुलाई 2023 मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मितानिनों के मानदेय में वृद्धि करके उनमें नया जोश और उत्साह भर दिया है। अब प्रदेश की मिता...
रायपुर, 14 जुलाई 2023
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मितानिनों के मानदेय में वृद्धि करके उनमें नया जोश और उत्साह भर दिया है। अब प्रदेश की मितानीनें अपने कार्यों को बखूबी पूरा कर रही है। धमतरी जिले के ग्राम भटगांव निवासी पद्मा साहू ने अपने गांव के लगभग 400 गर्भवती महिलाओं का अस्पताल में सुरक्षित प्रसव कराया है और 150 से अधिक लोगों के आंख का सफल ऑपरेशन भी करवाया है। उन्हें नन्हें-मुन्हंे बच्चे दाई कहकर पुकारते हैं, तो उनके दिल को बहुत सुकून मिलता है। पद्मा अपने गांव में दाई के नाम से प्रसिद्ध हैं। उन्होंने खुशी-खुशी बताया कि भले ही जीवन में धन नहीं कमाया लेकिन लोगों की मदद करके गांव वालों का आशीर्वाद मिलता है। यही मेरी असली पूंजी है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मितानिनों की लम्बे अरसे की मांग पूरी की है। जिससे प्रदेश की मितानिनों में खुशी की लहर है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। पद्मा ने बताया कि उन्होंने कक्षा दसवीं तक की पढ़ाई की है। अपने गांव में 18 वर्षों से अधिक समय तक मितानिनों के कार्य से जुड़ी हैं। गांव के हर एक जरूरतमंद तक शासन की योजनाओं को पहुंचाने का कार्य बेहतर तरीके से कर रही हैं। आयुष्मान कार्ड, मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान, मलेरिया जांच, गर्भवती माताओं का स्वास्थ्य परीक्षण, टी.बी. के मरीजों की जांच, कुष्ठ रोग, सिकलिंग सहित मौसमी बीमारी एवं अन्य बीमारियों की दवाईयां, प्राथमिक उपचार के दौरान दी जाती है। मरीज के ठीक नहीं होने पर नजदीक के अस्पतालों तक ले जाने की जिम्मेदारी उनकी होती है। गांव के दिव्यांगजनों का प्रमाण पत्र बनाने में भी वे सहायता करती है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मितानिनों की लम्बे अरसे की मांग पूरी की है। जिससे प्रदेश की मितानिनों में खुशी की लहर है। उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। पद्मा ने बताया कि उन्होंने कक्षा दसवीं तक की पढ़ाई की है। अपने गांव में 18 वर्षों से अधिक समय तक मितानिनों के कार्य से जुड़ी हैं। गांव के हर एक जरूरतमंद तक शासन की योजनाओं को पहुंचाने का कार्य बेहतर तरीके से कर रही हैं। आयुष्मान कार्ड, मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान, मलेरिया जांच, गर्भवती माताओं का स्वास्थ्य परीक्षण, टी.बी. के मरीजों की जांच, कुष्ठ रोग, सिकलिंग सहित मौसमी बीमारी एवं अन्य बीमारियों की दवाईयां, प्राथमिक उपचार के दौरान दी जाती है। मरीज के ठीक नहीं होने पर नजदीक के अस्पतालों तक ले जाने की जिम्मेदारी उनकी होती है। गांव के दिव्यांगजनों का प्रमाण पत्र बनाने में भी वे सहायता करती है।
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