हिंदू शास्त्र के अनुसार 16 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष आज से शुरू हो रहे हैं. पितृपक्ष पूरी तरह से हमारे पितरों को समर्पित होता है. पितृपक...
हिंदू शास्त्र के अनुसार 16 दिनों तक चलने वाले पितृपक्ष आज से शुरू हो रहे हैं. पितृपक्ष पूरी तरह से हमारे पितरों को समर्पित होता है. पितृपक्ष का आरंभ भाद्रपद मास की पूर्णिमा से होता है और समापन आश्विन मास की अमावस्या भर होता है. इस बार पितृपक्ष का आरंभ 10 सितंबर से हो रहा है और यह 25 सितंबर तक चलेगा.
पितृपक्ष के दौरान हम अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध, तर्पण, पिंडदान, पूजा आदि करते हैं.श्राद्ध के पूजन की विधि:
श्राद्ध के दौरान पितरों को अग्नि में गाय का दूध, दही, घी या खीर अर्पित करें. श्राद्ध में ब्राह्मण के भोजन से पहले गाय, कुत्ते कौवे के लिए खाना निकाल लें. इसके बाद एक या फिर तीन ब्राह्मणों को भोजन कराएं. जब ब्राह्मण भोजन ग्रहण कर लें तो इसके बाद ब्राह्मणों को दक्षिणा और अन्य सामान दान करें और उनका आशीर्वाद प्रदान करें.
पितृ पक्ष में श्राद्ध की तिथियां:
- पूर्णिमा श्राद्ध : 10 सितंबर 2022
- प्रतिपदा श्राद्ध : 10 सितंबर 2022
- द्वितीया श्राद्ध : 11 सितंबर 2022
- तृतीया श्राद्ध : 12 सितंबर 2022
- चतुर्थी श्राद्ध : 13 सितंबर 2022
- पंचमी श्राद्ध : 14 सितंबर 2022
- षष्ठी श्राद्ध : 15 सितंबर 2022
- सप्तमी श्राद्ध : 16 सितंबर 2022
- अष्टमी श्राद्ध: 18 सितंबर 2022
- नवमी श्राद्ध : 19 सितंबर 2022
- दशमी श्राद्ध : 20 सितंबर 2022
- एकादशी श्राद्ध : 21 सितंबर 2022
- द्वादशी श्राद्ध: 22 सितंबर 2022
- त्रयोदशी श्राद्ध : 23 सितंबर 2022
- चतुर्दशी श्राद्ध: 24 सितंबर 2022
- अमावस्या श्राद्ध: 25 सितंबरर 2022
No comments