रायपुर: साल 2022 में शनिवार और अमावस्या का संयोग 30 अप्रैल को बन रहा है। यह साल की पहली शनिश्चरी अमावस्या है। अमावस्या तिथि पर सूर्यग्रहण ...
रायपुर: साल 2022 में शनिवार और अमावस्या का संयोग 30 अप्रैल को बन रहा है। यह साल की पहली शनिश्चरी अमावस्या है। अमावस्या तिथि पर सूर्यग्रहण है, लेकिन यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देने से सूतक नहीं लगेगा। अमावस्या तिथि पर दान करने की विशेष महत्ता है इसलिए भीषण गर्मी से राहत दिलाने के लिए मिट्टी का घड़ा, मौसमी फल, छाता, जूता-चप्पल आदि वस्तुओं का दान करना पुण्यदायी होगा।
पुरानी बस्ती स्थित महामाया मंदिर के पुजारी पं. मनोज शुक्ला के अनुसार शनिवार के दिन अमावस्या तिथि पर सूर्य ग्रहण का संयोग है। चूंकि सूर्य ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए इस ग्रहण का भारत पर कोई प्रभाव नहीं होगा। आंशिक सूर्य ग्रहण दक्षिण अमेरिका के कुछ देशों जैसे अर्जेंटीना, चिली, पेराग्वे में दिखाई देगा। भले ही ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा, लेकिन दुनिया के अन्य देशों में भौगोलिक और प्राकृतिक असर होगा। यह साल 2022 का पहला सूर्य ग्रहण है जो भारतीय समय अनुसार 30 अप्रैल की मध्य रात्रि 12.15 से शुरू होकर सुबह 4.08 बजे तक रहेगा।
अमूमन जब भी सूर्य ग्रहण होता है, तो उससे नौ घंटे पहले सूतक लगता है और मंदिर के पट बंद कर दिए जाते हैं। इस बार सूतक नहीं लगने से मंदिर के पट खुले रहेंगे।
शनि मंदिरों में तेल अभिषेक
चूड़ी लाइन स्थित शनि मंदिर के पुजारी पं. दीपक शर्मा ने बताया कि शनिवार के दिन अमावस्या तिथि है, इसलिए शनिदेव की विशेष पूजा, तेल अभिषेक और शाम को श्रृंगार आरती की जाएगी। शनि अमावस्या पर तेल अभिषेक और शनि स्त्रोत का पाठ करने से शनिदेव की विशेष कृपा होती है। बता दें चूड़ी लाइन सहित अश्वनी नगर, गुढि़यारी, आमापारा के शनि मंदिरों में श्रद्धालु भगवान शनि देव को तेल अर्पित करने पहुंचेंगे। वहीं शाम को फूलों से प्रतिमा का श्रृंगार किया जाएगा। महाआरती के बाद प्रसाद वितरण होगा।
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